बदलाव एकमात्र स्थिर है, जो बाजार की भावनाओं और रुझानों को समझने के लिए सबसे उपयुक्त है. मार्केट की गतिशील प्रकृति यह सुनिश्चित करती है कि यह हर मिनट और हर दिन बदल जाएगी, जिससे सबसे अनुभवी निवेशक के लिए भी उनकी भविष्यवाणी को सही करने में मुश्किल हो जाएगी.
इस आर्टिकल में, हम देखेंगे कि मार्केट महीने की शुरुआत में कैसे कार्य करता है, ताकि आप बेहतर निर्णय ले सकें. दुनिया भर के विभिन्न स्टॉक मार्केट पर महीने का टर्न ऑफ द मंथ (टीओएम) प्रभाव एक ऐसा ट्रेंड है. इस प्रभाव के अनुसार, स्टॉक की ट्रेडिंग वॉल्यूम आमतौर पर बढ़ जाती है, और इसलिए हर महीने की शुरुआत में रिटर्न भी बढ़ जाता है.
कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह इसलिए है क्योंकि अधिकांश कर्मचारी और पेशेवर जो बाजार में सक्रिय निवेशकों का एक बड़ा हिस्सा बनाते हैं, हर महीने के अंत में अपनी सेलरी प्राप्त करते हैं. चूंकि इनमें से अधिकांश निवेशक SIP प्लान में निवेश करते हैं, इसलिए एक नए महीने के पहले कुछ दिनों में बाजार में एक बड़ा निवेश प्रवाहित होता है.\
लेकिन, यह घटना भी एक प्रश्न उठाती है: अगर हर कोई एक महीने के शुरुआती दिनों के दौरान SIPs में निवेश कर रहा है, तो इसकी वजह से फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) में वृद्धि नहीं होनी चाहिए? क्या इससे अधिक एनएवी वाले फंड नहीं होते बल्कि कम रिटर्न जनरेट होंगे?
आइए समझते हैं कि यह ट्रेंड दो अलग-अलग इंडेक्स के माध्यम से है या नहीं - BSE सेंसेक्स और दूसरा निफ्टी 50 से. लेकिन इससे पहले, आइए देखते हैं कि इन इंडेक्स क्या हैं.