फ्रीलैंसिंग भारत में एक आकर्षक करियर विकल्प बन गया है, क्योंकि देश वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे तेज़ी से बढ़ता फ्रीलांस मार्केट बन गया है.
फ्रीलांसिंग का उदय यह प्रदान करने वाली लचीलापन और स्वतंत्रता से आता है. लेकिन, फ्रीलैंसिंग नई चुनौतियों को भी लाती है, विशेष रूप से टैक्स मैनेजमेंट में. कई फ्रीलांसर के लिए, टैक्स कानूनों को नेविगेट करना जटिल हो सकता है.
इनकम टैक्स एक्ट के तहत अनुमानकारी टैक्स स्कीम स्व-व्यवसायी प्रोफेशनल के लिए टैक्स फाइलिंग को आसान बनाती है. इस आर्टिकल में, देखें कि फ्रीलांसर स्कीम से कैसे लाभ उठा सकते हैं और यह उनकी टैक्स लायबिलिटी को कैसे प्रभावित करता है.