यूनिट लिंक्ड बीमा प्लान (ULIPs) निवेश और बीमा का दोहरा लाभ प्रदान करते हैं, जिससे ये भारत में फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन जाते हैं. लेकिन, निवेशकों के लिए सोच-समझकर निर्णय लेने के लिए ULIP सरेंडर या रिडेम्प्शन पर टैक्स प्रभावों को समझना महत्वपूर्ण है. ULIP आय की टैक्स योग्यता लॉक-इन अवधि, प्रीमियम राशि और क्या पॉलिसी इनकम टैक्स एक्ट के तहत विशिष्ट टैक्स-छूट की शर्तों को पूरा करती है, जैसे कारकों पर निर्भर करती है. यह लेख सरेंडर के लिए टैक्स नियमों, टैक्स-फ्री आय की शर्तों, आंशिक निकासी पर टैक्सेशन और ULIP से संबंधित टैक्स फाइल करते समय इन सामान्य गलतियों से बचा जा सकता है.