गोल्ड हमेशा से एक ऐसी मूल्यवान कमोडिटी रहा है, जिसमें लोग निवेश करना पसंद करते हैं. यह सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित निवेश में से एक है और इसलिए यह भारत में काफी लोकप्रिय है. भारत के लोगों की सदियों से सोने में बहुत दिलचस्पी रही है और वे इसे पीढ़ियों तक सहेजकर रखना पसंद करते हैं.
जैसे-जैसे समय बदलता है, व्यक्ति अपनी फाइनेंशियल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नए तरीके अपनाता रहता है. चाहे मेडिकल खर्च, घर के नवीनीकरण या उच्च शिक्षा का खर्च हो, अब कई लोग इन खर्चों को पूरा करने के लिए अपने गोल्ड एसेट पर लोन ले रहे हैं. ये लोन न केवल योजनाबद्ध खर्चों को कवर करते हैं, बल्कि अस्पताल में भर्ती होने या कर्ज़ समेकन (कर्ज़ चुकाने) जैसे अचानक आने वाले खर्चों को कवर करने में भी बहुत मददगार साबित होते हैं.
गोल्ड पॉन का क्या मतलब है?
सोना गिरवी रखना या गोल्ड लोन लेना एक प्रकार का लोन ही होता है, जहां आप लोनदाता के पास अपने गोल्ड को गिरवी रखकर पैसा ले सकते हैं. स्वीकृत लोन राशि, गिरवी रखे गए गोल्ड के वजन और वर्तमान मार्केट वैल्यू पर निर्भर करती है. यह एक शॉर्ट-टर्म लोन होता है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए तुरंत समाधान प्रदान करता है कि आपके सोने को बेचे बिना आपकी फाइनेंशियल ज़रूरतों को कैसे पूरा किया जाए.
गोल्ड पॉन, जिसे पॉन लोन या पॉनब्रोकिंग के नाम से भी जाना जाता है, एक फाइनेंशियल ट्रांज़ैक्शन होता है, जिसमें आप पॉनब्रोकर से लोन लेने के लिए अपने सोने के सामान को कोलैटरल के तौर पर रखते हैं. गोल्ड पॉन ट्रांज़ैक्शन में, आप अपने गोल्ड आइटम को पॉन शॉप में ले जाते हैं और पॉनब्रोकर उनकी वैल्यू का आकलन करता है. मूल्यांकन के आधार पर, पॉनब्रोकर (जिसके पास आप सोना गिरवी रखते हैं) आपको लोन की राशि दे देता है और यह राशि आमतौर पर सोने की आंकी गई वैल्यू का कुछ प्रतिशत होती है. अगर आप लोन ऑफर स्वीकार करते हैं, तो आप अपने गोल्ड के सामान को पॉनब्रोकर के पास गिरवी रख देते हैं और वे आपको लोन की राशि नकद दे देते हैं. जब तक आप ब्याज के साथ लोन का पुनर्भुगतान नहीं करते हैं, तब तक पॉनब्रोकर का आपके सोने के सामान पर कब्जा रहता है, वह भी एक निर्धारित अवधि तक ही. अगर आप सहमति के हिसाब से शर्तों के अनुसार लोन का पुनर्भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो पॉनब्रोकर आपके सोने के सामान को हमेशा के लिए रख सकता है और लोन राशि को रिकवर करने के लिए उन्हें बेच भी सकता है.
गोल्ड पॉन और गोल्ड लोन के बीच अंतर
गोल्ड पॉन और गोल्ड लोन के बीच मुख्य अंतर सिक्योरिटी पैरामीटर और संभावित परिणामों का होता है, विशेष रूप से नियामक निरीक्षण के हिसाब से.
गोल्ड पॉन में, आप लोन लेने के लिए अपने गोल्ड आइटम को पॉनब्रोकर (साहूकार या लोन देने वाली कंपनी) के पास गिरवी रखते हैं. जब तक आप ब्याज के साथ लोन का पुनर्भुगतान नहीं करते हैं, तब तक पॉनब्रोकर के पास आपके आइटम, कोलैटरल के रूप में रहते हैं. अगर आप पुनर्भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो लोन की राशि को रिकवर करने के लिए पॉनब्रोकर आपके आइटम को बेच सकता है.
दूसरी ओर, गोल्ड लोन में RBI की देखरेख में फाइनेंशियल संस्थान या लोनदाताओं से लोन लेने के लिए आप अपने गोल्ड आइटम का कोलैटरल के रूप में उपयोग करते हैं. आप लोन के लिए सिक्योरिटी के रूप में अपने गोल्ड आइटम का उपयोग करते समय उस पर अपना स्वामित्व बरकरार रखते हैं. अगर आप पुनर्भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो लोनदाताओं को लोन राशि को रिकवर करने के लिए आपके गोल्ड आइटम को बेचने का अधिकार है, लेकिन वे आमतौर पर पॉनब्रोकर की तुलना में पुनर्भुगतान के लिए ज़्यादा सुविधा और विकल्प प्रदान करते हैं.
RBI के नियमों के कारण, आमतौर पर गोल्ड लोन को सुरक्षित माना जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपके साथ उचित व्यवहार किया जाएगा, शर्तें स्पष्ट होंगी और उपभोक्ता की सुरक्षा भी तय होगी. वे अक्सर अधिक लोन राशि, कम ब्याज दरें और लंबी पुनर्भुगतान अवधि की सुविधा देते हैं, जिससे वे उधारकर्ताओं के लिए अधिक सुरक्षित विकल्प बन जाते हैं.
गोल्ड लोन के लिए कैसे अप्लाई करें
गोल्ड लोन के लिए अप्लाई करने की चरण-दर-चरण गाइड
- हमारा ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म खोलने के लिए 'अप्लाई करें' पर क्लिक करें
- अपना 10-अंकों का मोबाइल नंबर दर्ज करें और 'OTP पाएं' पर क्लिक करें
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