अगर आप गोल्ड लोन लेने की सोच रहे हैं, तो शायद आपके मन में यह विचार आए कि लोन राशि कैसे तय की जाती है. यह एक सिक्योर्ड लोन है, इसलिए आपको कितनी राशि मिल सकती है यह बात आपके एसेट की कीमत पर निर्भर करती है. इस प्रक्रिया के बारे में आपको ये बातें पता होनी चाहिए.
जब आप पहली बार गोल्ड लोन लेते हैं
अपना ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म सबमिट करने के बाद, आपको अपनी नज़दीकी गोल्ड लोन शाखा में अपॉइंटमेंट मिलेगा. वहां, आपकी गोल्ड ज्वेलरी तोली जाती है और बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन लिमिटेड के अनुसार गोल्ड के क्लोज़िंग प्राइस के 30 दिनों के औसत के अनुसार वैल्यू सेट की जाती है
लेकिन, आपको मिलने वाला लोन ऑफर आपकी ज्वेलरी की कुल कीमत के बराबर नहीं होगा. RBI के नियमों के अनुसार, आपको मिलने वाली अधिकतम गोल्ड लोन राशि आपके गोल्ड की कुल कीमत का 75% तक हो सकती है.
जब आप अपने गोल्ड लोन को रिन्यू कराते हैं
हमारे गोल्ड लोन पर 12 महीने तक की पुनर्भुगतान अवधि मिलती है. हालांकि हम लोन एक्सटेंशन ऑफर नहीं करते हैं, पर आपके पास यह विकल्प होता है कि आप अपने मौजूदा गोल्ड लोन का भुगतान करने के बाद, दोबारा उसी अवधि के लिए नया लोन लेकर इसे अप्रत्यक्ष रूप से रिन्यू करा सकते हैं.
ऐसे में, आपने जो सोने की ज्वेलरी कोलैटरल के रूप में गिरवी रखी थी उसे दोबारा तोला जाता है. रिन्यूअल की तारीख पर गोल्ड के मार्केट भाव के अनुसार उसका दोबारा मूल्यांकन किया जाता है. इस नई कीमत के आधार पर आपके गोल्ड लोन की राशि दोबारा तय होती है.
अगर गोल्ड का चालू भाव अधिक हुआ, तो आपके पास बढ़ी हुई कीमत को अपने लोन में जोड़ने का विकल्प होगा, जिससे आपको अतिरिक्त पैसे मिलेंगे. लेकिन अगर रिन्यूअल की तारीख पर सोने का भाव कम हुआ तो आपकी कुल लोन राशि उसी के अनुसार घट जाएगी.
जब आप किसी अन्य लोनदाता से अपना गोल्ड लोन बैलेंस ट्रांसफर करते हैं
मान लें कि आपने किसी अन्य लोनदाता से गोल्ड लोन लिया हुआ है और आपको अधिक ब्याज चुकानी पड़ रही है. अगर आप ब्याज दर घटाने के लिए अपना गोल्ड लोन हमें ट्रांसफर करने का विकल्प चुनते हैं, तो हमारी प्रतिस्पर्धी गोल्ड लोन ब्याज दर को ध्यान में रखते हुए, बैलेंस ट्रांसफर के लिए आपके द्वारा अप्लाई किए जाने वाले दिन गोल्ड के मार्केट भाव के आधार पर लोन राशि ऑफर की जाती है.
अगर अपना मूल लोन लेने के बाद गोल्ड का मार्केट भाव बढ़ गया है, तो आपको हमसे अधिक लोन राशि मिल सकती है. हालांकि, अगर भाव घट गया है तो ऑफर भी घट जाएगा. अपना बैलेंस ट्रांसफर ऐसे दिन करने में समझदारी है जब सोने की कीमत अधिक हो.