ऑनलाइन धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए चरण-दर-चरण गाइड

ऑनलाइन धोखाधड़ी क्या है और इसकी रिपोर्ट करने के लिए आपको क्या कदम उठाने चाहिए? अधिक जानकारी के लिए इस ब्लॉग को पढ़ें.
ऑनलाइन धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए चरण-दर-चरण गाइड
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15 अप्रैल 2024

प्रत्येक तकनीकी उन्नति जीवन को आसान बनाने के उद्देश्य से की जाती है. कंप्यूटर और इंटरनेट से लेकर डिजिटाइज़ेशन तक - सब कुछ सुविधा प्रदान करता है. स्मार्टफोन से दुनिया हमारे हाथों की पहुंच में आ गई है. बैंकिंग, सामान और सेवाओं का ऑर्डर करना, यात्रा टिकट बुक करना और दुनिया के दूसरे कोने पर रहने वाले अपने प्रियजनों से बात करना आदि जैसी गतिविधियां अब एक सहज बात हो गई है. हालांकि यह सभी टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गई है, लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं. ऑनलाइन दुनिया द्वारा प्रदान की जाने वाली गुमनामी और तेज़ गति हमें ऑनलाइन धोखाधड़ी के प्रति असुरक्षित बनाती है.

इन कई वर्षों में, ऑनलाइन धोखाधड़ी के तरीके भी विकसित हो गए हैं. साइबर अपराधी इंटरनेट पर हमले कर रहे हैं, और लोगों को टारगेट करने के नए तरीके खोज रहे हैं.

ऑनलाइन धोखाधड़ी क्या है?

इंटरनेट पर होने वाले अपराधों में ऑनलाइन धोखाधड़ी की एक विशाल श्रेणी है. कोई भी गैरकानूनी या आपराधिक कार्य जिसमें अपराधों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से करने के लिए कंप्यूटर, लैपटॉप या नेटवर्क से जुड़े उपकरण का इस्तेमाल होता है, इस ऑनलाइन धोखाधड़ी के कार्यक्षेत्र में आता है.
भारत में कुछ सामान्य ऑनलाइन बैंक धोखाधड़ी में विशिंग (फोन से फंसाना), फिशिंग (ईमेल या साइट से फंसाना), अकाउंट हैकिंग, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी और पहचान की चोरी आदि शामिल हैं. भारत के IT अधिनियम के अनुसार, इसका वैश्विक न्यायक्षेत्र होने के कारण किसी भी साइबर सेल पर ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की जा सकती है.

ऑनलाइन धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए चरण-दर-चरण गाइड यहां दी गई है

चरण 1: अपना डेबिट और क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करने के लिए ग्राहक सेवा को कॉल करें

अगर आप भारत में बैंक धोखाधड़ी के शिकार होते हैं, तो सबसे पहले, अपने फाइनेंशियल प्रदाता को कॉल करें और अपने कार्ड को ब्लॉक करें. अपने कार्ड पर हुई धोखाधड़ी और अनधिकृत ट्रांज़ैक्शन के बारे में बताएं और ग्राहक सेवा से संपर्क करके उसे भी यह जानकारी दें. कोई भी आधिकारिक शिकायत/FIR (फर्स्ट इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट) रजिस्टर करने से पहले इस चरण को पूरा किया जाना चाहिए.

चरण 2: ऑनलाइन धोखाधड़ी से संबंधित सभी जानकारी एकत्र करें

शिकायत दर्ज करने से पहले, सभी सहायक डॉक्यूमेंटेशन को एकत्रित करना होगा. पिछले छह महीनों के आपके बैंक का स्टेटमेंट, SMSs, लिंक जिन्हें आपसे डाउनलोड करने के लिए कहा गया था, अनधिकृत ट्रांज़ैक्शन की तारीख और राशि और ऐसी जानकारी जो आपके क्लेम को सत्यापित करती है. आपके द्वारा डाउनलोड किए गए दुर्भावनापूर्ण ऐप और संभावित धोखेबाज़ के साथ हुई बातचीत के टेक्स्ट का स्क्रीनशॉट लें. इसके अलावा, आपकी ID और पते का प्रमाण देने की आवश्यकता होगी.

चरण 3: साइबर क्राइम सेल के साथ लिखित शिकायत रजिस्टर करें - ऑनलाइन या ऑफलाइन

IT अधिनियम ने भारत में ऑनलाइन फाइनेंशियल और बैंक धोखाधड़ी को वैश्विक न्यायक्षेत्र का हिस्सा घोषित किया है. इसलिए, किसी भी साइबर क्राइम सेल से संपर्क किया जा सकता है. वैकल्पिक रूप से, आप https://cybercrime.gov.in/ पर ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कर सकते हैं. उन्हें समर्पित साइबर क्राइम के हॉटलाइन नंबर -155260 पर कामकाजी दिवस पर सुबह 9:00 a.m. से शाम 6:00 p.m तक कॉल भी किया जा सकता है.

चरण 4: अपने नज़दीकी पुलिस स्टेशन पर साइबर अपराध की FIR रजिस्टर करें

अगर आप भारत में किसी भी साइबर सेल को एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं, तो नज़दीकी पुलिस स्टेशन पर जाएं और FIR दर्ज करवाएं. अगर वे आपकी शिकायत दर्ज नहीं करते, तो शहर के कमिशनर या न्यायिक मजिस्ट्रेट से संपर्क करें. सेक्शन 154 की, आपराधिक प्रक्रिया संहिता के अनुसार, प्रत्येक पुलिस अधिकारी के लिए न्यायक्षेत्र की परवाह किए बिना शिकायत को रजिस्टर और रिकॉर्ड करना अनिवार्य है.

ध्यान में रखने लायक कुछ बातें:

  • साइबर क्राइम सेल पर भेजे जाने वाले शिकायत पत्र को साइबर क्राइम सेल के प्रमुख को संबोधित करना होगा.
  • सभी निजी जानकारी जैसे नाम, संपर्क जानकारी - ईमेल ID, पता और फोन नंबर स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए.
  • ऑनलाइन धोखाधड़ी की प्रकृति के आधार पर, शिकायत दाखिल करते समय कुछ खास प्रमाणित करने वाले डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होगी. यह आवश्यकता अपराध के आधार पर अलग होगी और आपके मामले की जांच में साक्ष्य के रूप में कार्य करेगी.
  • अगर बैंक की लापरवाही के कारण धोखाधड़ी होती है, तो ग्राहक को फाइनेंशियल जिम्मेदारी से दोषमुक्त कर दिया जाता है.
  • RBI के अनुसार, अगर मालवेयर साइट, पब्लिक वाई-फाई या ATM स्कैमर जैसी थर्ड पार्टी की भागीदारी के कारण ऑनलाइन धोखाधड़ी होती है, जहां ग्राहक या बैंक शामिल नहीं है, तो ग्राहक को किसी भी फाइनेंशियल जिम्मेदारी से बचने के लिए 72 घंटों के भीतर फाइनेंशियल संस्थान को सूचित करना होगा.
  • जब भी कोई धोखाधड़ी की गतिविधि आपके ध्यान में आती हैं, तो जल्द से जल्द बैंक और साइबर क्राइम सेल को सूचित करें, आप जितनी ज़्यादा देरी करते है, आपको उतना ही अधिक नुकसान होता है.

अगर किसी ऑनलाइन धोखाधड़ी में बजाज फाइनेंस, फिशिंग, एडवांस लोन फीस से संबंधित कोई स्कैम होता है, या कोई बजाज का कर्मचारी होने का ढोंग करता है या अन्य लोगों के बीच क्रेडिट कार्ड चोरी से संबंधित कोई फाइनेंशियल धोखाधड़ी होती है, तो तुरंत https://www.bajajfinserv.in/reach-us पर हमसे संपर्क करें. किसी अन्य बैंक, लोनदाता या NBFC से संबंधित होने पर भी उसी प्रक्रिया का पालन करें और उन्हें घटना के बारे में सूचित करें.

सावधान रहें. सुरक्षित रहें!

प्रमुख टेकअवे:

  • नेशनल साइबर क्राइम का हॉटलाइन नंबर 155260 है
  • https://cybercrime.gov.in/ पर अपनी ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करें
  • अपने क्लेम को प्रमाणित करने के लिए सत्यापित डॉक्यूमेंट तैयार रखें 

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