वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) के टैक्स लाभ
वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) में कई टैक्स लाभ मिलते हैं:
- योगदान: आपके वीपीएफ योगदान 1961 के इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत ₹ 1.5 लाख की संयुक्त वार्षिक लिमिट तक टैक्स-डिडक्टिबल हैं.
- अर्जित ब्याज: आपके वीपीएफ बैलेंस पर अर्जित ब्याज पूरी तरह से टैक्स-फ्री है.
- मेच्योरिटी राशि: जब आपका वीपीएफ मेच्योर हो जाता है, तो आपको मिलने वाली पूरी राशि टैक्स से छूट दी जाती है.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) क्या है
VPF के विपरीत, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) एक सरकार द्वारा समर्थित सेविंग स्कीम है, जो हर किसी के लिए उपलब्ध है. कोई भी भारतीय नागरिक PPF अकाउंट खोल सकता है, फिर चाहे वह नौकरी पेशा हो, स्व-व्यवसायी हो, छात्र हो या फिर सेवानिवृत्त हो.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड के संचालन को सीधे भारत सरकार प्रबंधित करती है. इस प्रकार, केंद्र सरकार PPF ब्याज दर निर्धारित करती है और सब्सक्राइबर को उसका भुगतान करती है. PPF की ब्याज दरें हर तीन महीनों में संशोधित की जाती हैं और ये अक्सर सरकारी बॉन्ड की प्रचलित दरों के हिसाब से तय होती हैं.
PPF: ट्रिपल टैक्स लाभ
- योगदान: इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख की अधिकतम लिमिट तक के आपके वार्षिक PPF योगदान पर टैक्स कटौती की जा सकती है.
- प्राप्त ब्याज: प्रत्येक वर्ष आपके PPF बैलेंस पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता है. इससे आपके पैसा तेज़ी से कंपाउंड होता है!
- मेच्योरिटी राशि: जब आपका PPF अकाउंट मेच्योर हो जाता है, तो आपको मिलने वाली पूरी राशि, मूलधन और संचित ब्याज सहित, टैक्स से छूट दी जाती है.
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ब्याज दरें: VPF बनाम PPF
- वीपीएफ: आपके वीपीएफ अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दर उतनी ही है जितनी आप अपने EPF अकाउंट पर कमाते हैं, जो वर्तमान में 8.25% है.
- PPF: PPF अकाउंट, वर्तमान में 7.1% की दर से थोड़ी कम ब्याज दर प्रदान करते हैं.
ध्यान दें: VPF (EPF से लिंक) और PPF दोनों की ब्याज दरों में बदलाव होता रहता है. सरकार इन दरों में समय-समय पर संशोधन करती है.
बजाज फाइनेंस अपने फिक्स्ड डिपॉज़िट पर प्रति वर्ष 8.85% तक की एक अन्य उच्चतम ब्याज दर प्रदान करता है. और 5 लाख से अधिक ग्राहक इस पर भरोसा करते हैं.
VPF बनाम PPF बनाम बजाज फाइनेंस FD
पैरामीटर |
वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) |
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) |
बजाज फाइनेंस FD |
ब्याज दर |
8.25% |
7.10% |
8.85% प्रति वर्ष तक. |
योग्यता |
योग्य संगठन में काम करने वाले कर्मचारी |
कोई भी भारतीय निवासी |
कोई भी भारतीय नागरिक |
योगदान |
सब्सक्राइबर की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता के 100% तक की कोई भी राशि |
वार्षिक न्यूनतम योगदान - ₹500; वार्षिक अधिकतम योगदान- ₹1.5 लाख |
न्यूनतम योगदान - ₹ 15,000, अधिकतम योगदान- 8.85% |
समय से पहले निकासी |
मेडिकल उद्देश्यों के लिए, खुद का विवाह या आश्रित व्यक्ति का, लोन का पुनर्भुगतान, घर खरीदना या बनाना, 2 महीनों से अधिक समय तक बेरोजगारी. |
बच्चे की शिक्षा या मेडिकल उद्देश्यों के लिए अकाउंट खोलने की तारीख से 7 वर्ष बाद की अनुमति. |
कुछ शुल्क देकर समय से पहले राशि निकाल सकते हैं |
मेच्योरिटी अवधि |
रिटायरमेंट तक |
15 वर्ष |
12 महीने से 60 महीने तक |
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निर्णय लेना
VPF और PPF में से कोई एक विकल्प चुनते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- आपका रोज़गार स्टेटस: वीपीएफ केवल नौकरी पेशा कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है.
- आवश्यक योगदान राशि: वीपीएफ आपको अपने अनिवार्य EPF योगदान से अधिक बचत करने की अनुमति देता है, जबकि PPF की वार्षिक लिमिट होती है.
- फ्लेक्सिबिलिटी की आवश्यकता: अगर आप लॉन्ग-टर्म मेच्योरिटी से पहले अपने फंड को एक्सेस करने की उम्मीद करते हैं, तो वीपीएफ बेहतर फिट हो सकता है.
निष्कर्ष
VPF और PPF, दोनों ही सुरक्षित फाइनेंशियल भविष्य बनाने के लिए बेहतरीन विकल्प हैं. आपके लिए कौन सा विकल्प सबसे अच्छा है, यह आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियों और बचत के लक्ष्यों पर निर्भर करता है. आपकी फाइनेंशियल जर्नी के लिए कौन सा विकल्प या कॉम्बिनेशन सबसे सही है, यह तय करने के लिए अपनी आय के स्तर और निवेश की जाने वाली राशि के साथ-साथ इस बात पर भी विचार कर लेना चाहिए कि आपको पैसों की कब ज़रूरत पड़ सकती है.