अपनी पूंजी को बढ़ाने और बड़ी बचत करने का एकमात्र तरीका है निवेश करना, जिसे आप ज़रूरत पड़ने पर खर्च भी कर सकते हैं. हालांकि, मार्केट में निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं, इस वजह से सही विकल्प चुनना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. उपलब्ध कई विकल्पों में से, भारत में निवेश के दो टूल काफी लोकप्रिय हैं और पसंद किए जाते हैं, क्योंकि ये सुरक्षित विकल्प हैं. फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) और पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) दोनों टूल आपकी बचत को बढ़ाने और एक तय अवधि में ब्याज कमाने का एक सुरक्षित तरीका प्रदान करते हैं. निवेश के इन दोनों विकल्पों के बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें और समझें कि आपके लिए कौन सा विकल्प सबसे अच्छा होगा.
PPF और फिक्स्ड डिपॉज़िट के बीच तुलना:
यहां तुलना की एक टेबल दी गई है, जिसमें PPF और FD के बीच अंतर बताया गया है.
विवरण |
फिक्स्ड डिपॉज़िट |
पब्लिक प्रोविडेंट फंड |
लागू ब्याज दर |
पूरी अवधि के दौरान फिक्स्ड |
मार्केट के परिवेश के हिसाब से बदलाव होते रहते हैं |
अवधि |
आमतौर पर 12-60 महीने |
15 वर्ष |
न्यूनतम डिपॉज़िट |
फाइनेंसर पर निर्भर करता है |
₹500 |
मैक्स डिपॉज़िट. |
फाइनेंसर पर निर्भर करता है |
₹1.5 लाख/वर्ष |
जोखिम |
कम |
कम |
टैक्स योग्य रिटर्न |
हां |
नहीं |
FD और PPF के बीच अंतर को अच्छे से समझने के लिए हर टूल के बारे में स्पष्ट तौर पर समझना ज़रूरी है.
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) क्या है?
बजाज फाइनेंस फिक्स्ड डिपॉज़िट की विशेषताएं और लाभ:
बजाज फाइनेंस ऑनलाइन फिक्स्ड डिपॉज़िट को क्रमशः CRISIL और ICRA द्वारा (AAA) और (AAA) की उच्चतम सुरक्षा रेटिंग दी गई है. ये भारत की अग्रणी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां हैं.
बजाज फाइनेंस 60 वर्ष से कम आयु के नागरिकों के लिए प्रति वर्ष 8.60% तक की फिक्स्ड डिपॉज़िट ब्याज दरें प्रदान करता है. सीनियर सिटीज़न, दरें प्रति वर्ष 8.85% तक हो सकती हैं.
बजाज फाइनेंस FD में FD पर लोन की सुविधा मिलती है. आप आसानी से अपनी FD वैल्यू के 75% तक का लोन ले सकते हैं.
प्रति वर्ष डिपॉज़िट की अधिकतम लिमिट ₹ 1.5 लाख है.
PPF अकाउंट के लिए लॉक-इन अवधि 15 वर्ष होती है. आप उस अवधि से पहले पूरे पैसे नहीं निकाल सकते हैं
लागू ब्याज दर: फिक्स्ड डिपॉज़िट एक फिक्स्ड-इनकम पाने की व्यवस्था है. इसके तहत चुनी गई अवधि के दौरान एक निश्चित ब्याज दर ऑफर की जाती है. PPF की ब्याज दरें अलग-अलग होती हैं और आर्थिक परिवेश के आधार पर उनमें नियमित रूप से बदलाव होते रहते हैं.
न्यूनतम और अधिकतम डिपॉज़िट राशि: आमतौर पर FD की न्यूनतम और अधिकतम डिपॉज़िट राशि हर फाइनेंसर के हिसाब से अलग-अलग होती हैं, जबकि PPF की थ्रेशोल्ड राशि तय होती है. आप इतनी राशि के बीच निवेश कर सकते हैं: ₹ 500-₹. 1.5 लाख प्रति वर्ष.
आपको पब्लिक प्रॉविडेंट फंड में निवेश करना चाहिए या फिक्स्ड डिपॉज़िट में?
- शॉर्ट-टर्म से लेकर मिड-टर्म के लक्ष्य
अगर आपने शॉर्ट-टर्म फाइनेंशियल लक्ष्य सेट किए हैं और आपको तुरंत लिक्विडिटी की आवश्यकता होती है, तो FD आपके लिए उपयुक्त विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें 12-60 महीनों की अवधि होती है. बजाज फाइनेंस जैसी FD के लिए विशेष अवधि भी ऑफर की जाती हैं, जिनमें FD की दरें भी अधिक होती हैं.
- लॉन्ग-टर्म सेविंग
अगर आप घर खरीदने, बच्चे की शादी के लिए या रिटायरमेंट की प्लानिंग जैसे लॉन्ग-टर्म फाइनेंशियल लक्ष्यों के लिए बचत करने के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो आपके लिए PPF सबसे बढ़िया विकल्प होगा. इसकी लॉक-इन अवधि 15 वर्ष की होती है, इसलिए PPF से व्यवस्थित बचत करने में मदद मिलती है. इसमें सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट प्राप्त करने में भी मदद मिलती है, इस वजह से यह लॉन्ग-टर्म में पूंजी बनाने का और भी उपयुक्त विकल्प बन जाता है.
- जोखिम लेने की क्षमता
PPF और FD दोनों ही निवेश के सुरक्षित और बेहतर विकल्प हैं. FD गारंटीड रिटर्न प्रदान करते हैं, क्योंकि इसकी पूरी अवधि के लिए ब्याज दर तय होती है, जबकि PPF की ब्याज दरें अलग-अलग होती हैं, लेकिन आमतौर पर FD पर मिलने वाली दरों से अधिक होती हैं. जिन लोगों को मेच्योरिटी पर अपनी आय का सटीक अनुमान चाहिए, उनके लिए FD एक उपयुक्त विकल्प है. लेकिन अगर आप लंबे समय तक अपने फंड को अलग रख सकते हैं. हालांकि, संभावित रूप से अधिक रिटर्न पाने के लिए, PPF लंबे समय के निवेश के लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है.
इस जानकारी की मदद से आप अपनी आय, फाइनेंशियल लक्ष्यों, खर्चों, जोखिम लेने की क्षमता, लिक्विडिटी से जुड़ी ज़रूरतों और निवेश की अवधि के आधार पर PPF और FD में से अपने लिए सबसे सही विकल्प चुन सकते हैं. जिन लोगों के शॉर्ट-टर्म लक्ष्य होते हैं और लिक्विडिटी की ज़रूरत होती हैं, उनके लिए FD सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है. दूसरी ओर, जिन लोगों के घर खरीदने जैसे लॉन्ग-टर्म लक्ष्य हैं और बिना कोई टैक्स दिए बचत करना चाहते हैं, उनके लिए PPF सबसे अधिक पसंदीदा विकल्प है. हालांकि, अपने पोर्टफोलियो को विविध बनाना और अलग-अलग एसेट में निवेश करना हमेशा फायदेमंद होता है, साथ ही फाइनेंशियल सलाहकार से परामर्श भी ले लेना चाहिए. इससे आपके फाइनेंशियल लक्ष्यों के साथ आपके निवेश को अधिक प्रभावी ढंग से एडजस्ट करने में भी मदद मिल सकती है.
इसकी मदद से, PPF और FD में से कोई एक विकल्प चुनना अब और आसान हो गया है. इन दोनों के ही अपने अलग-अलग फायदे हैं, इसलिए आपको निवेश का वह टूल चुनना चाहिए, जो आपके फाइनेंशियल उद्देश्यों के अनुसार सबसे बेहतर है.