भारत सरकार द्वारा 3 मार्च, 2008 को शुरू की गई धनलक्ष्मी स्कीम लड़कियों की मदद करने के लिए एक कार्यक्रम है. यह एक लड़की के साथ परिवारों को पैसे और इंश्योरेंस देता है. इसका लक्ष्य माता-पिता के लिए इंश्योरेंस कवर प्रदान करके और उन्हें अपनी बेटियों को शिक्षित करने के लिए प्रोत्साहित करना है. इसका उद्देश्य यह बताना है कि लड़कियां महत्वपूर्ण हैं और उन्हें बोझ के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
इस स्कीम के उद्देश्य
- एक सामाजिक मानसिकता को बढ़ावा देना, जो लड़की के बच्चों के मूल्य को पहचानता है, उन्हें बोझ के रूप में समझने की बजाय उनके मूल्य पर जोर देता है.
- स्कूल में लड़कियों के नामांकन को प्रोत्साहित करें, जो कम से कम 8वीं कक्षा तक अपनी निरंतर शिक्षा सुनिश्चित करता है.
- नवजात बालिकाओं के लिए इंश्योरेंस कवरेज प्रदान करके महिला शिशुनाशक के मुद्दे को संबोधित करें.
- एक लड़की के जन्म से जुड़े नकारात्मक कलंक को चुनौती दें और कम करें, जो परिवार के सदस्य के रूप में उसके समान महत्व को दर्शाता है.
- लड़कियों को अपनी शिक्षा को बढ़ावा देकर नौकरी के अवसरों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करना, जिससे संभावित रूप से पूरा होने वाले भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो जाता है.
लड़की के लिए उज्ज्वल भविष्य सुरक्षित करने में फाइनेंशियल प्लानिंग शामिल है. फिक्स्ड डिपॉज़िट (FDs) समय के साथ बचत को बढ़ाने का एक सुरक्षित और विश्वसनीय तरीका प्रदान करता है. अपनी बेटी के नाम पर FD खोलने पर विचार करें ताकि उसके शैक्षिक खर्च या भविष्य के किसी अन्य लक्ष्य को पूरा किया जा सके.