2 मिनट में पढ़ें
25 मई 2021

3D बायोप्रिंटिंग मानव अंगों को प्रिंट करने की क्षमता के साथ स्वास्थ्य उद्योग में क्रांति ला रही है. सर्जिकल टूल्स बनाने से लेकर टिश्यू और ऑर्गन फैब्रिकेशन तक, 3D प्रिंटिंग मानव को अनावश्यक कष्ट से बचा सकती है और जीवन बचा सकती है.

3D प्रिंटिंग क्या है?

थ्री-डाइमेंशनल (3D) प्रिंटिंग एक मैन्युफैक्चरिंग विधि है जिसमें 3D ऑब्जेक्ट जनरेट करने के लिए लेयर में मटीरियल का उपयोग या डिपॉजिट करके ऑब्जेक्ट किया जाता है. इन वस्तुओं में प्लास्टिक, धातु, तरल पदार्थ, सिरेमिक्स, पाउडर या यहां तक कि लिविंग सेल शामिल हो सकते हैं.

3D प्रिंटिंग को रैपिड प्रोटोटाइपिंग (RP), एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (AM) या सॉलिड फ्री-फॉर्म टेक्नोलॉजी (SFF) भी कहा जाता है. हालांकि 3D प्रिंटर सामान्य इंकजेट प्रिंटर की तरह हैं, लेकिन उत्पादित प्रोडक्ट की प्रकृति 3D है.

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि टू-डाइमेंशनल (2D) रेडिोग्राफिक फोटो को डिजिटल 3D प्रिंट फाइलों में परिवर्तित किया जा सकता है. यह जटिल और कस्टमाइज़्ड एनोमिकल और मेडिकल स्ट्रक्चर बनाने में मदद करता है. 2D रेडियोग्राफिक फोटो में एक्स-रे, मैग्नेटिक रेसोनन्स इमेजिंग (MRI) या कंप्यूटरीकृत टोमोग्राफी (CT) स्कैन शामिल हैं.

हेल्थकेयर में 3D प्रिंटिंग के लाभ

हेल्थकेयर में 3D प्रिंटिंग के कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

  • उत्पादकता में वृद्धि
  • लागत दक्षता में वृद्धि
  • मेडिकल प्रोडक्ट, दवाओं, उपकरणों का कस्टमाइज़ेशन
  • अंगों और ऊतकों का विकास

हेल्थकेयर में 3D प्रिंटिंग के एप्लीकेशन

  • बायो-प्रिंटिंग टिश्यू और अंग
  • कस्टमाइज़्ड इम्प्लांट और प्रोस्थेस
  • सर्जिकल तैयारी के लिए एनाटोमिकल मॉडल
  • 3D-प्रिंटेड खुराक फॉर्म और ड्रग डिलीवरी डिवाइस
  • डेंटल गाइड और ऑटोमेटेड शुचरिंग
  • सर्जिकल टूल्स और अन्य मेडिकल इक्विपमेंट
  • फार्मास्यूटिकल और कैंसर रिसर्च

उदाहरण के लिए, पैंडोरम टेक्नोलॉजीज के वैज्ञानिकों ने लिवर कोशिकाओं को तीन डायमेंशनल टिश्यू आर्किटेक्चर में व्यवस्थित किया. इन कोशिकाओं को एक प्रकार के हाइड्रोजेल में एनकैप्स किया जाता है. हाइड्रोजेल या बायो-लिंक कीटों से ग्लूकोज, प्रोटीन और जीवित कोशिकाओं से बना है. टीम ने स्वदेशी रूप से विकसित 3D बायो-पिंटर का उपयोग बायो-प्रिंट मिनी-लिवर्स के लिए किया.

डॉ. स्टुअर्ट विलियम्स और शोधकर्ता लूइसविले विश्वविद्यालय में एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जो डॉक्टरों को लाइव फैट सेल्स का उपयोग करके 3D प्रिंटेड हार्ट बनाने की अनुमति देता है. हृदय को 'बायोफिशियल हार्ट' के नाम से जाना जाता है. ऑक्सफोर्ड परफॉर्मेंस मटीरियल 3D प्रिंटर की मदद से, रोगी के स्कल के 75% को ऑस्टियोफैब पेशेंट-स्पेसिफिक क्रैनियल डिवाइस नामक इम्प्लांट से बदल दिया गया. यह इम्प्लांट पीईके पॉलिमर से बनाया गया था जो हड्डी के समान है.

कार्यक्षमता, प्रिंट सामग्री और साइज़ के आधार पर, 3D प्रिंटर की स्ट्रेटसी लाइन की कीमतें लगभग ₹ 4 लाख से ₹ 4 करोड़ तक हैं. 5 mm आकार के लीवर टिश्यू उत्पन्न करने के लिए 10 मिलियन ह्यूमन लिवर सेल्स को प्रिंट करने के लिए पैंडोरम टेक्नोलॉजीज़ ने ₹1 करोड़ लिया. वैज्ञानिक और सर्जन जो अंगों और सर्जिकल टूल्स के लिए 3D बायोप्रिंटिंग का उपयोग करना चाहते हैं, वे इन लागतों का लाभ उठाने के लिए डॉक्टर लोन का लाभ उठा सकते हैं.

अस्वीकरण:
हांलाकि यहां शामिल या उपलब्ध जानकारी, प्रोडक्ट और सेवाओं को अपडेट करने में सावधानी बरती जाती है हमारी वेबसाइट और संबंधित प्लेटफॉर्म/वेबसाइट, जानकारी को अपडेट करने में अनुचित गलतियां या टाइपोग्राफिकल एरर या देरी हो सकती है. इस साइट और संबंधित वेबपेजों में शामिल सामग्री संदर्भ और सामान्य जानकारी के उद्देश्य के लिए है और किसी भी असंगति की स्थिति में संबंधित प्रोडक्ट/सेवा डॉक्यूमेंट में उल्लिखित विवरण का पालन किया जाएगा. सब्सक्राइबर्स और यूज़र्स को यहां दी गई जानकारी के आधार पर आगे बढ़ने से पहले प्रोफेशनल सलाह लेनी चाहिए. कृपया संबंधित प्रोडक्ट/सेवा डॉक्यूमेंट और लागू नियमों और शर्तों को पढ़ने के बाद ही किसी भी प्रोडक्ट या सेवा के बारे में सोच-समझकर निर्णय लें. अगर कोई विसंगति दिखाई देती है, तो कृपया यहां क्लिक करें संपर्क जानकारी.

*नियम व शर्तें लागू