हमारे पिछले ब्लॉग में हमने साइबर सुरक्षा के बारे में बताया है और यह भी कि ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन करते समय सावधान रहना क्यों महत्वपूर्ण है. हमने जाना कि विभिन्न प्रकार की साइबर धोखाधड़ी, और धोखेबाज़ों के काम करने का तरीका क्या है और ऐसी धोखाधड़ी के शिकार होने से कैसे बचना है. आइए अब आगे साइबर धोखाधड़ी के भयंकर खतरों और इन धोखेबाज़ों से निपटने के सुझावों के बारे में जानें
1. ऑनलाइन शॉपिंग धोखाधड़ी
- जैसे कि ऑनलाइन शॉपिंग करना अब सामान्य हो गया है, धोखाधड़ी करने वाले अब उपभोक्ताओं को ऐसे SMS और ईमेल भेज कर निशाना बनाते हैं जिनमें रिवॉर्ड प्वॉइंट कमाने या बोनस को अनलॉक करने का झांसा दिया जाता है. अगर आप लिंक पर क्लिक करते हैं और पुरस्कार क्लेम करने के लिए जानकारी भरते हैं, तो आपकी निजी जानकारी से छेड़छाड़ हो सकती है
- सामान्य ऑनलाइन शॉपिंग धोखाधड़ी में नकली प्रोडक्ट और सेवाएं बेचना भी शामिल है, जिसमें विक्रेता भुगतान ले लेता है लेकिन कभी भी प्रोडक्ट को भेजता नहीं है
- हमेशा विक्रेताओं की पहचान और आपके द्वारा ऑनलाइन खरीदी गई आइटम की प्रामाणिकता को जांचे
- कभी भी अविश्वसनीय ऑफर का या बोनस अर्जित करने का या रिवॉर्ड पॉइंट का क्लेम करने वाले संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें
- धोखाधड़ी के मामले में, 155260 पर साइबर सेल पर तुरंत रिपोर्ट करें
2. डिजिटल ट्रांज़ैक्शन, क्रेडिट और डेबिट कार्ड
- जब आप कार्ड के माध्यम से भुगतान करते हैं तो धोखेबाज़ इसी तरह की तकनीकों का उपयोग करते हैं. वे रिवॉर्ड पॉइंट क्लेम करने या कार्ड अपग्रेड करने का झांसा देकर जानकारी भरने के लिए आपको लिंक भेजते हैं
- ऐसे संदिग्ध लिंक और मैसेज कभी न खोलें
- अपना कार्ड नंबर, इसकी समाप्ति तारीख, पिन, OTP या CVV किसी के साथ शेयर न करें
- धोखाधड़ी, कार्ड के खोने या चोरी होने की घटना में, इसे तुरंत ब्लॉक करें और अधिकारियों को रिपोर्ट करें
3. ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी
- ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी के दो सामान्य प्रकार में से एक सतर्कता मैसेज हैं जो उपभोक्ताओं को संवेदनशील अकाउंट जानकारी निकलवाने के लिए फंसाते हैं जैसे की उन्हें ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग जारी रखने के लिए अपनी KYC को अपडेट करना होगा या उनका पिछला भुगतान विफल हो गया है
- जो उपभोक्ता जागरूक नहीं है वो इस झांसे में आ सकते हैं और संदिग्ध लिंक पर क्लिक कर सकते हैं, और आमतौर पर अपने पासवर्ड और अन्य जानकारी भर सकते हैं, जो बाद में धोखेबाज़ों के पास चली जाती है
- संदिग्ध स्रोतों से आए ऐसे संदेशों को नजरअंदाज करें
- ट्रांज़ैक्शन विफल होने की स्थिति में भुगतान पूरा करने के लिए कभी भी 3rd पार्टी की लिंक पर न जाएं
- बैंक कभी भी आपसे 3rd पार्टी वेबसाइट पर अपनी KYC जानकारी अपडेट करने के लिए नहीं कहेंगे
4. ऑनलाइन स्कैम
- फिशिंग में बैंक या सेवा प्रोवाइडर की नकली वेबसाइट बनाई जाती है और इसे SMS/ईमेल आदि के द्वारा फैला दिया जाता है. जो ग्राहक सावधान नही होते वे इन संदिग्ध लिंक पर क्लिक कर देते हैं और अपने क्रेडेंशियल दर्ज कर देते हैं, इस तरह उनसे धोखाधड़ी हो जाती हैं
- विशिंग में धोखेबाज़ बैंक अधिकारी होने का ढोंग करते हैं. वे आपको कॉल करते हैं और सेवा या अकाउंट अपग्रेड करने के बहाने से आपकी संवेदनशील अकाउंट जानकारी, डॉक्यूमेंट या पैसे शेयर करने के लिए कहते हैं
- धोखाधड़ी करने वाले लोग बैंकों या आपके दोस्तों के नकली सोशल मीडिया हैंडल भी बना सकते हैं और आपको सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पैसे का भुगतान करने या अकाउंट की जानकारी शेयर करने के लिए समझा सकते हैं
- बैंकिंग और अन्य फाइनेंशियल संस्थानों के अधिकारी आपसे कभी भी गोपनीय जानकारी शेयर करने को नहीं कहेंगे या किसी भी सेवा के लिए पैसे नहीं मांगेंगे
- ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट 155260 पर करें. हमेशा दोस्तों या रिश्तेदारों की तरफ से किसी भी सोशल मीडिया पर पैसे या जानकारी मांगने पर उनसे व्यक्तिगत रूप से जांच करें, और साथ ही चेक करें कि उनकी प्रोफाइल वास्तविक है या नहीं
5. ई-वॉलेट
- धोखेबाज़ आपको संदिग्ध ऐप इंस्टॉल करके अपनी ई-वॉलेट KYC अपडेट करने के लिए कॉल करते हैं या आपको 3rd पार्टी वेबसाइट पर अपनी जानकारी शेयर करने को कहते हैं. ऐसा करने से उन्हें आपके डिवाइस का रिमोट एक्सेस मिल जाता है और वे आपके ई-वॉलेट पासवर्ड और अन्य जानकारी से छेड़छाड़ करते है
- आपको अपने ई-वॉलेट में कैशबैक प्राप्त करने के लिए संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने और लॉग-इन जानकारी दर्ज करने का झांसा भी दिया जा सकता है
- याद रखें, आप आसानी से ई-वॉलेट ऐप में ही KYC अपडेट कर सकते हैं
- "पैसे कलेक्ट करें" या "पैसे प्राप्त करें" जैसी धोखाधड़ी से सावधान रहें
6. मोबाइल बैंकिंग
- एक सामान्य धोखाधड़ी है- फर्जी नंबर और मैसेजों के माध्यम से भेजे गए वेरिफिकेशन के लिंक, जो आपके बैंक/NBFC की तरफ से होने का दावा करते हैं. इन लिंक का इस्तेमाल मालवेयर इंस्टॉल करके आपकी फाइनेंशियल जानकारी को निकलवाने के लिए किया जाता है
- अनजान व्यक्ति से आए ऐसे मैसेज या ईमेल से सावधान रहें जो आपसे संदिग्ध वेबसाइट पर पर्सनल या फाइनेंशियल जानकारी दर्ज करने के लिए या वेरिफिकेशन ऐप डाउनलोड करने के लिए कहते हैं
- ऐसे लिंक पर कभी भी क्लिक न करें या उन्हें दूसरों को फॉरवर्ड न करें
भारत में फाइनेंशियल धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए दिशानिर्देश
- अपने बैंक या फाइनेंशियल सेवा प्रदाता को ईमेल के माध्यम से सावधान करें या अपनी ग्राहक सेवा को कॉल करें. उनसे स्वीकृति लेना याद रखें
- किसी भी साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए 24x7 हेल्पलाइन नंबर पर 155260 पर कॉल करें
- अपराध की रिपोर्ट cybercrime.gov.in पर करें
- आप 14440 नंबर पर मिस्ड कॉल देकर या सचेत के साथ शिकायत दर्ज करके RBI से भी संपर्क कर सकते हैं, सचेत के लिए यहां जाएं: https://sachet.rbi.org.in/
साइबर सुरक्षा हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए
- मजबूत ID और पासवर्ड का उपयोग करें, और उन्हें समय-समय पर बदलते रहें
- अपनी सभी ऐप और सेवाओं पर 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जैसे कि पिन, पैटर्न और फिंगरप्रिंट को सक्रिय करें
- नकली ईमेल, SMS, लिंक, वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल के रूप में फिशिंग स्कैम और धोखाधड़ी वाले फोन कॉल की पहचान करें और उनसे बचें. अधिकारियों को तुरंत उसके बारे में रिपोर्ट करें, और उन्हें कभी भी फॉरवर्ड न करें
- अपने डिवाइस पर एंटी-वायरस और एंटी-मालवेयर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें
- अपने क्रेडेंशियल जैसे कि बैंक अकाउंट की जानकारी, पासवर्ड, पिन, OTP, आधार या पैन नंबर शेयर न करें
- वेरिफिकेशन, KYC या रिवॉर्ड क्लेम करने के भेष में छुपे हुए संदेहजनक लिंक पर क्लिक न करें या 3rd पार्टी ऐप इंस्टॉल न करें
- ऐप, सोशल मीडिया या ईमेल पर अनजान व्यक्तियों या अनुरोधों को कोई भुगतान न करें
- बैंक अधिकारियों, ग्राहक सेवा प्रतिनिधियों, लोन अधिकारियों आदि से अनचाहे कॉल पर बात न करें, खास कर उन लोगों से जो पैसे, जानकारी या किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंट की मांग करते हैं
धोखाधड़ी पीड़ित के रूप में कौन से कदम उठाएं
- शिकायत दर्ज करने या अपने कार्ड, बैंक अकाउंट या किसी अन्य सेवा को अस्थायी रूप से ब्लॉक करने के लिए तुरंत अपने बैंक या सेवा प्रदाता से संपर्क करें
- अपने डिवाइस पर डाउनलोड या इंस्टॉल किए किसी भी संदिग्ध सॉफ्टवेयर या ऐप को हटाएं
- शांत रहें और साइबर-क्राइम सेल जैसे संबंधित अधिकारियों से बात करें
- अपना केस बनाने के लिए स्क्रीनशॉट, ईमेल, SMS, सोशल मीडिया चैट आदि के रूप में कोई भी प्रमाण या सबूत तैयार करें
- अगर आपकी पहचान से कोई छेड़छाड़ हुई है, विशेष रूप से सोशल मीडिया पर, तो अपने सभी संपर्कों को तुरंत सूचित करें और किसी भी तरह से वे फंस जाएं, उससे पहले ही उन्हें सावधान कर दें
अगर आप बजाज फाइनेंस ग्राहक हैं तो क्या करें
अगर आप बजाज फाइनेंस ग्राहक हैं, तो नीचे दिए गए साइबर सुरक्षा सुझावों का पालन करके सुरक्षित और सतर्क रहें:
- बजाज फाइनेंस से लोन लेने के लिए GST, TDS या रिफंडेबल शुल्क के लिए प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में कभी भी एडवांस पैसे का भुगतान न करें
- अगर वे बजाज फाइनेंस के प्रतिनिधि होने का क्लेम करते हैं, तो भी फोन पर गोपनीय जानकारी किसी के साथ भी शेयर न करें
- हमें खोजने के लिए सर्च इंजन पर कभी भरोसा न करें, क्योंकि वे आपको नकली वेबसाइट पर ले जा सकते हैं
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि या धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए https://bajajfinserv.in/hindi/reach-us पर जाएं
- हमेशा हमारे ऑफिशियल सोशल मीडिया पेज को फॉलो करें और वेरिफाइड ब्लू टिक की जांच करें. (Facebook- @bajajfinserv , Twitter - @bajaj_finserv और @bajaj_finance , LinkedIn - @Bajajfinserv , Instagram - @bajajfinserv , YouTube) में वेरिफाइड ब्लू टिक या समान सूचक हैं
- अपने ब्राउज़र के एड्रेस बार में हमारी ऑफिशियल वेबसाइट के एड्रेस URL को बुकमार्क कर लें- https://www.bajajfinserv.in
- किसी भी संदिग्ध ऐप जैसे 'Any Desk' या 'TeamViewer' को इंस्टॉल न करें, या किसी भी अज्ञात व्यक्ति के साथ, जो बजाज फाइनेंस का प्रतिनिधि होने का दावा करता है, अपने डिवाइस के रिमोट एक्सेस को शेयर न करें
- अपने संपर्क विवरण अपडेट रखें
- बजाज फाइनेंस के ऑफिशियल SMS इन प्रेषण कोड के माध्यम से भेजे जाते हैं: VK-BAJAJF, AX-BAJAJF, JD-BAJAJF, JM-BAJAJF और VM-BAJAJF
सावधान रहें. सुरक्षित रहें.
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