जब आप फाइनेंशियल मार्केट में ट्रेड करते हैं, तो जिस कीमत पर आप अपना ऑर्डर देते हैं वह महत्वपूर्ण होता हैं. किसी ऑर्डर के निष्पादित होने की संभावनाओं को बढाने के लिए, अक्सर इसे एट-द-मार्केट (ATM) कीमत पर देने की सलाह दी जाती है. प्रचलित स्थितियों और आपके जोखिम सहने की क्षमता के स्तरों के आधार पर एट-द-मार्केट ऑर्डर या एट-द-मार्केट कीमत पर ट्रेड करना लाभदायक या जोखिमपूर्ण हो सकता है.
इस लेख में, आइए हम एट-द-मार्केट कीमतों का अर्थ समझते हैं, और जानते हैं कि वे क्यों महत्वपूर्ण हैं और वे कैसे लाभदायक या जोखिमपूर्ण हो सकते हैं.
एट-द-मार्केट ट्रेड का क्या अर्थ है
एट-द-मार्केट ऑर्डर ऐसा ट्रेड होता है जिसे मार्केट में चल रहे वर्तमान बिड प्राइस या आस्क प्राइस पर शुरू किया जाता है. यह इक्विटी, डेरिवेटिव, कमोडिटी और करेंसी मार्केट में खरीद और बिक्री, दोनों तरह के ऑर्डर पर लागू होता है. जब आप एट-द-मार्केट ऑर्डर देते हैं तो आप असल में अपने स्टॉकब्रोकर से यह कह रहे होते हैं कि वह ऑर्डर निष्पादन के समय मार्केट में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ कीमत पर ट्रेड का निष्पादन करे.
जैसे, मान लें कि किसी स्टॉक का वर्तमान बिड प्राइस ₹500 है और उसी स्टॉक का वर्तमान आस्क प्राइस ₹502 है. बिड और आस्क का अंतर काफी कम है, इसलिए कीमतें बहुत तेज़ी से ऊपर-नीचे हो सकती हैं, जिससे मार्केट में अचानक बदलाव आ सकता है. लाभ का संभावित मौका आपके हाथ से न निकले और आप अपना ट्रेड सर्वोत्तम संभव कीमत पर निष्पादित करें यह पक्का करने के लिए, आप एट-द-मार्केट ऑर्डर दे सकते हैं.
एट-द-मार्केट ट्रेड कैसे काम करता है
मार्केट ऑर्डर का निष्पादन एट-द-मार्केट प्राइस पर — यानी सर्वोत्तम उपलब्ध बिड प्राइस या आस्क प्राइस (जो भी स्थिति हो) पर — किया जाता है. अपने ब्रोकर को कोई एट-द-मार्केट ऑर्डर सबमिट करते समय आपको उन स्टॉक या सिक्योरिटीज़ की संख्या बतानी होती है जिन्हें आप खरीदना या बेचना चाहते हैं. हालांकि, निष्पादन मार्केट प्राइस पर होता है, इसलिए ऑर्डर देते समय आपको कोई कीमत सीमा नहीं बतानी होती है.
ऑर्डर अनुरोध भेज दिए जाने पर, ब्रोकर आपके ऑर्डर और विपरीत प्रकार के अन्य ऑर्डर का मैच कराता है. यानी आपके खरीद ऑर्डर को किसी बिक्री ऑर्डर से (या बिक्री ऑर्डर को खरीद ऑर्डर से) मैच कराया जाता है. मैच हो जाने पर, ऑर्डर सर्वोत्तम उपलब्ध कीमत पर निष्पादित कर दिया जाता है. इसलिए, अगर आप खरीद रहे हैं तो आपका ऑर्डर वर्तमान में मार्केट में उपलब्ध सबसे कम आस्क प्राइस पर निष्पादित किया जाएगा, और अगर आप बेच रहे हैं, तो आपका ऑर्डर मार्केट में उपलब्ध सबसे अधिक बिड प्राइस पर निष्पादित किया जाएगा.
अगर स्टॉक या सिक्योरिटी अत्यधिक लिक्विड है, तो आपका मार्केट ऑर्डर तुरंत और पूर्ण रूप से निष्पादित हो जाएगा. पर अगर स्टॉक के साथ लिक्विडिटी की समस्या है, तो संभव है कि आप स्टॉक की जितनी संख्या ट्रेड करना चाहते हैं उतनी पूरी संख्या के खरीदार (या विक्रेता) आपको न मिलें. इसलिए, ऑर्डर को कई हिस्सों में, दो या अधिक अलग-अलग एट-द-मार्केट प्राइस पर निष्पादित किया जा सकता है.
जैसे, मान लें कि आप कंपनी के 1,000 शेयर मौजूदा कीमत पर खरीदने के लिए एक एट-द-मार्केट ऑर्डर देते हैं. अब, मान लें कि उस स्टॉक के आस्क प्राइस इस प्रकार हैं:
- ₹400 में 700 शेयर
- ₹401 में 200 शेयर
- ₹402 में 300 शेयर
इस मामले में, आप ₹400 में 700 शेयर खरीद सकेंगे, अगले 200 शेयर ₹401 में और शेष 100 शेयर ₹402 में खरीद सकेंगे.
एट-द-मार्केट ट्रेडिंग का कब उपयोग करें
कुछ एट-द-मार्केट की स्थितियों और ट्रेड लक्ष्यों के लिए मार्केट कीमतों का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है. यहां कुछ परिस्थितियां हैं जब लिमिट ऑर्डर को चुनने की बजाय एट-द-मार्केट ऑर्डर को चुनना बेहतर हो सकता है, जहां आप प्रचलित कीमत के बजाय किसी विशिष्ट कीमत पर ऑर्डर निष्पादित करने का अनुरोध करते हैं.
- तुरंत एग्जीक्यूशन: अगर आप किसी स्टॉक या सिक्योरिटी को तुरंत खरीदना या बेचना चाहते हैं, तो मार्केट की कीमतों पर उपयोग करना आदर्श हो सकता है. क्योंकि ये ऑर्डर सर्वोत्तम प्रचलित कीमत पर होते हैं, इसलिए अगर अनुरोध की गई मात्रा उपलब्ध हो तो इसका निष्पादन लगभग तुरंत हो जाता है. यदि आप गति को प्राथमिकता देते हैं तो यह उपयोगी है.
- लिक्विड मार्केट में ट्रेडिंग: अत्यधिक लिक्विड मार्केट में, बिड और आस्क प्राइस लगातार बहुत करीब होती हैं. यदि ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ रहा हो तो अंतर और भी कम हो जाता है. इसलिए, अगर आप एट-द-मार्केट कीमतों पर विकल्प चुनते हैं, तो आपके ऑर्डर को अनुकूल कीमत पर निष्पादित किए जाने की संभावना अधिक होती है.
- कीमत पर निष्पादन: अगर आपकी प्राथमिकता ऑर्डर की कीमत के बजाय ऑर्डर का निष्पादन है, तो एट-द-मार्केट ऑर्डर आपके लिए सबसे उपयुक्त विकल्प हो सकता है. क्योंकि ये ऑर्डर प्रचलित कीमत पर ऑर्डर को पूरा करने पर ध्यान देते हैं, इसलिए आप निश्चिंत रह सकते हैं कि जब तक मार्केट में आवश्यक मात्रा उपलब्ध होगी तब तक आपका ऑर्डर पूरा हो जाएगा.
- फुल ऑर्डर पूरा होना: एट-द-मार्केट ऑर्डर में आंशिक की बजाए सम्पूर्ण ऑर्डर के पूरा होने की संभावना भी अधिक होती है. यह ऐसे लिमिट ऑर्डर के मामले में नहीं होता है, जहां ट्रेड केवल आंशिक रूप से पूरा किया जा सकता है यदि स्टॉक या सिक्योरिटीज़ की आवश्यक मात्रा आवश्यक कीमत पर उपलब्ध नहीं है.
एट-द-मार्केट कीमत को इस्तेमाल करने के लाभ
अब जब आप जानते हैं कि आप अपने ऑर्डर के लिए एट-द-मार्केट कीमतों पर कब उपयोग करना है, तो आइए ऐसे ऑर्डर के लाभों पर चर्चा करें. जानें कि एट-द-मार्केट ऑर्डर उपयोगी क्यों हो सकते हैं.
- ऑर्डर पूरा करने में मामूली या कोई देरी नहीं होती.
- सम्पूर्ण ऑर्डर पूरा होने की संभावना अधिक होती है.
- आपको यह विश्लेषण करने की जरूरत नहीं है कि सही कीमत क्या हो सकती है.
- यह विशेष रूप से परिवर्तनशील मार्केट में उपयोगी है.
- यह सुनिश्चित करता है कि आपको मार्केट में बिड-आस्क स्प्रेड के साथ सर्वोत्तम संभव मूल्य प्राप्त हो.
एट-द-मार्केट कीमत को इस्तेमाल करने की सीमाएं
उनके अनेक लाभों के बावजूद, एट-द-मार्केट ऑर्डर में कुछ सीमाएं भी हैं. आपको अपने ऑर्डर के लिए एट-द-मार्केट ऑर्डर का उपयोग करने के निम्नलिखित बातों के बारे में जानकारी होनी चाहिए.
- ट्रेड की कीमत पर आपका कोई नियंत्रण नहीं है.
- मार्केट में स्लीपेज की संभावना अधिक होती है जहां आप एक कीमत की उम्मीद करते हैं, लेकिन आपका ट्रेड दूसरी कीमत पर पूरा किया जाता है.
- इसमें स्लीपेज के कारण आपकी ट्रांज़ैक्शन की लागत बढ़ सकती है.
निष्कर्ष
सौ बात की एक बात यह है कि अगर आप मार्केट की सही स्थितियों में एट-द-मार्केट ट्रेड का उपयोग करें तो यह आपके लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है. हालांकि, मौजूदा कीमतों पर मार्केट में पोजीशन लेने से पहले आपको एट-द-मार्केट ऑर्डर की सीमाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए.
साथ ही, नुकसान के जोखिम को सीमित रखने के लिए स्टॉप-लॉस लिमिट सेट करना भी ध्यान रखें. इससे, मार्केट आपकी उम्मीद के उलट चल जाने पर, आपको ट्रेड से होने वाला अधिकतम नुकसान सीमित हो जाएगा.